इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के आखिरी स्नान पर्व कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान मात्र से ही सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं.

महीने के अंतिम स्नान पर्व पर स्नान कर सूर्य को अर्ध्य दे देने से भगवान कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं.

धार्मिक मान्यताओं  के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ था.

भगवान विष्णु ने आज ही के दिन मत्स्यावतार रूप को धारण किया था.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीवाली का पर्व मनाया जाता है, जिसमे संगम तट पर एवं वाराणसी में भव्य रूप से दीपकों को जलाकर देव दिवाली मनायी जाती है

देव दिवाली के दिन त्रिपुरासुर नाम के दैत्य को महादेव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर के रूप में उसका वध किया.

संगम प्रयागराज में  आज शाम 11 लाख दिए जलाए जाएंगे.

संगम प्रयागराज में  आज शाम 11 लाख दिए जलाए जाएंगे.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन को सिख धर्म के अनुयायी प्रकाशोत्सव के रूप में भी मनाते हैं.

इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था.