छोटे कारोबारियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ा तोहफा मिला है. वित्त मंत्रालय की तरफ से GST रिटर्न भरने वाले छोटे कारोबारियों के लिए GST-9 भरने से छूट मिल गयी है। यह फॉर्म 2 करोड़ तक का कारोबार करने वाले बिजनेसमैनों को भरना पड़ता था जिसमे उन्हें Annual Return दाखिल करना पड़ता था। अब छोटे व्यापारियों को यह फार्म नहीं भरना पड़ेगा।
What Is GST: जीएसटी क्या है
भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने स्टार्टअप के कामकाज के तरीके को बहुत हद तक प्रभावित किया है। बहुत से अप्रत्यक्ष करों को समाप्त करके जीएसटी को लागु किया गया है। इसे व्यवसायों और विशेषरूप से स्टार्टअप्स को आसान बनाने के लिए “वन नेशन वन टैक्स” के नारे के साथ पेश किया गया है। भारत में 1 जुलाई 2017 से GST को लागू किया गया है। 101वें संशोधन अधिनियम के द्वारा जीएसटी को पारित किया गया था और भारत के राष्ट्रपति ने 12 अप्रैल, 2017 को केंद्रीय जीएसटी कानून को स्वीकृति प्रदान कर दी।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर दी जानकारी, 65 प्रतिशत तक बढ़ गए है GST दाखिल करने वालों कि संख्या
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या पिछले 5 सालों में 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है। वर्तमान में जीएसटी के तहत पंजीकृत टैक्स देने वालों की संख्या अब 1.40 करोड़ हो गई है। अप्रैल, 2023 तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 1.13 करोड़ थी।
अधिकत व्यापारी भर रहे हैं रिटर्न


वित्त मंत्रालय ने आंकड़ों के हिसाब से बताया है कि GST नियमों और प्रक्रियाओं बनाने की वजह से लोगों में रिटर्न दाखिल करने के प्रति काफी उत्साह बढ़ा है। जिसके चलते चालू वित्तीय वर्ष में फाइलिंग माह के अंत तक 90 फीसदी करदाताओं ने GST-3B रिटर्न भर रहे हैं। वर्ष 2017-18 में जब यह लागू हुआ था तब यह आंकड़ा मात्र 68 फीसदी ही था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी लोकसभा में जीएसटी आंकड़ों को जारी करते हुए व्यापारियों के प्रति अपनी खुशी जाहिर की थी।

वर्ष 2017 के जुलाई माह में जीएसटी को लागू किया गया था। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे स्थानीय करों को शामिल किया गया था। GST- 3B दाखिल करने वालों की संख्या अप्रैल, 2023 तक 1.13 करोड़ है। नवंबर में मासिक जीएसटी का संग्रह लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा। वही चालू वित्तीय वर्ष में यह 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।