Anxiety आज के समय में एक सार्वभौमिक परेशानी बनती जा रही है। हमारे रोजमर्रा के कार्यों के कारण उत्त्पन्न तनाव से लेकर नींद ना आने तक की सभी विकार Anxiety के अंतर्गत आतें हैं। हम आज आपको एंग्जायटी की जटिलताओं, इसकी व्यापकता, प्रभाव और इससे बचाव पर प्रकाश डालेंगे।
A. What is Anxiety: एंग्जायटी क्या है।
एंग्जायटी कोई व्यक्ति विशेष की परेशानी नहीं है, अपितु यह भिन्न-भिन्न लोगों में भिन्न-भिन्न प्रकार का हो सकता है। जैसे कि दिमाग में हमेशा नेगेटिव सोच का आना, बेचैनी, डर लगना जिसके कारण हाथ कांपना, शरीर से पसीना आना, घबराबट होना आदि शामिल है। मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति अपना जीवन सामान्य रूप से नही जी पाता है। वर्तमान में विश्व स्तर पर करोड़ों लोग इससे प्रभावित है।
B. Anxiety के प्रकार
1. Generalized Anxiety Disorder(GAD)
Generalized Anxiety Disorder एक ऐसी परेशानी है जिसमे व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अत्यधिक सोचकर परेशान होता है और जीवन को सामान्य तौर से नहीं जी पता है। इस Disorder वाले व्यक्तियों में बेचैनी, थकान, मांसपेशियों में तनाव और ध्यान को केंद्रित करने में अत्यधिक कठिनाई हो सकती है।
2. Social Anxiety Disorder (SAD)

Social anxiety आज के समय में सबसे बड़ा विकार बनता जा रहा है। इसमें व्यक्ति को लोगों के बीच में जाने से डर लगता है और उनके बीच जाने से घबराते हैं।
3. Panic Disorder घबराहट की समस्या

इस प्रकार के Anxiety में व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर जाने से डर लगता है और जिसके कारण उसे घबराहट होने लगती हैं। इसमें व्यक्ति की हार्ट बीट बड़ जाती है जिसे पैनिक अटैक कहा जाता है। यह डिसऑर्डर व्यक्ति के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती है और अगर इसका इलाज समय से नहीं कराया जाता है तो व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य के लिए नुकसान देह साबित हो सकता है।
C. Risk Factors of Anxiety
1. Biological Factors: आनुवंशिक कारण

इस प्रकार की एंजाइटी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी जा सकती है। आनुवंशिक विकृतियों के कारण यह अपने आने वाली अगले जनरेशन में ट्रान्सफर हो सकती है। हम हमेशा सुनते है की बहुत सारी बीमारियां अनुवांशिक होती है जिसमे एंजाइटी भी सम्मलित है यह डिसऑर्डर भी एक पीढ़ी से दूसरी पढ़ी में ट्रांसफर हो सकती है।
2. Environmental Factors: वातावरणीय कारण

यदि कोई बच्चा ऐसे परिवेश में रहता है जहाँ पर अधिकतर लोग चिंता से ग्रसित है तो ऐसे स्थिति में बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उसके भीतर एंजाइटी समस्या बढ़ने लगती है। इसके अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसी घटना को देख लिया हो जिसके कारण उसको आघात पहुंचा हो तो वह धीरे धीरे anxiety का शिकार होने लगता है।
3. chronic stress: दीर्घकालिक तनाव
अगर आप किसी बात को लेकर लम्बे समय तक तनाव में रहते हैं तो यह एंजाइटी का रूप ले लेती है।
D. Effects of Anxiety on Daily Life: दैनिक जीवन पर चिंता का प्रभाव

एंजाइटी अर्थात चिंता एक ऐसे बीमारी है जो आपको अपनों के साथ जुड़ने में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है जिससे रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं। इससे कारण एक दूसरे से जुड़ने में बहुत अधिक कठनाई उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण अपनों से दूरिया बढ़ने लगती है। चिंता से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए अपने भावनाओं को व्यक्त करने में अत्यधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
E. Effects of Anxiety on Daily Life: दैनिक जीवन पर चिंता का प्रभाव
1. Change Your LifeStyle: जीवन शैली में परिवर्तन
Physical activity (शारीरिक गतिविधि) से एंजाइटी को कम अथवा समाप्त किया जा सकता है। नियमित व्यायाम को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद होता है।
2. Healthy Diet: स्वस्थ आहार

मानसिक तनाव को कम करने में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह पोषकयुक्त खाद्य व्यक्ति के मन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। एक संतुलित आहार शरीर और मन दोनों को सही रखने में सहायता प्रदान करता है।
3. Psychotherapy: मनोचिकित्सा

Psychotherapy से दिमाग में आ रहे नकारात्मक विचार को कम एवं धीरे धीरे समाप्त किया जा सकता है। यह मानसिक तनाव को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Psychotherapy द्वारा व्यक्ति के मन से डर, तनाव एवं anxiety को काम किया जा सकता है।
4. Meditation: योगाभ्यास

हम सभी जानते हैं कि योग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना अधिक लाभकारी होता है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। हमारे मानसिक तनाव यानी anxiety को पूर्ण रूप से सही किया जा सकता है। प्रतिदिन अपने दिनचर्या में अगर आप योगाभ्यास करते हैं तो आपका मानसिक तनाव जल्द ही समाप्त हो सकता है।