यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection) या UTI महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। वैसे तो ये समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है, लेकिन महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखा जाता है। UTI के होने से पुरुष अथवा महिलाओं को पेशाब करने में समस्या होती है तथा कभी कभी यूरिन के साथ ब्लड भी आने लगता है। यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण ईकोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है।
क्या हैं यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन What Is Urinary Tract Infection(UTI)

ई-कोलाई नामक बैक्टिरीया के कारण मूत्रालय और इसकी नली में होने वाले संक्रमण का को यू.टी.आई अथवा Urinary Tract Infection कहते है। इसके होने के कई कारण और भी होते है जैसे कि किसी के लम्बे समय तक पेशाब के रोके रहना, असुरक्षित सेक्स के कारण, गर्भावस्था के दौरान, और अगर आपको शुगर है तो भी आपको Urinary Tract Infection की समस्या होने का खतरा बना रहता है। मूत्र नलिका में संक्रमण, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। देखा जाये तो 50 प्रतिशत महिलाओं को उनके जीवन में एक अथवा अधिक बार यह संक्रमण होता है।
यह संक्रमण शरीर के भिन्न भिन्न स्थानों पर हो सकते हैं-
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के मूत्राशय के भीतर बैक्टीरिया के कारण यह संक्रमण हो सकता है।
- मूत्र मार्ग में संक्रमण होने के कारण पुरूष अथवा महिला को पेशाब करने में अत्यधिक दर्द अथवा जलन हो सकता है।
- इस संक्रमण का असर किडनी पर भी पड़ सकता है और यदि इसका संक्रमण किडनी पर पड़ता है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिये।
क्यों होता है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन(Causes of Urinary tract infection) ?

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को देखा जाये तो ये मुख्यत वैक्टेरिया के कारण होता है। लेकिन इसके अतिरिक्त इसके होने के कुछ अन्य फैक्टर भी होते हैं, जिसके कारण यू0टी0आई0 होता है-
- कई बार महिला या पुरूष एक ही दिन में कई बार असुरक्षित तरिके से सेक्स करता है अथवा एक से अधिक महिला अथवा पुरूष से सेक्स करते हैं, तो उनमें यू0टी0आई0 होने का खतरा बढ़ जाता है।
- शुगर के मरिजों को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा बना रहा है।
- मूत्र मार्ग के बाहरी हिस्से का अच्छी तरह से साफ नहीं करने से।
- मूत्राशय को पूर्ण रूप से खाली न करने से।
- मूत्र मार्ग में पथरी के होने के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो सकता है।
- गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक इस्तेमाल करने से यह संक्रमण हो सकता है।
- कमजोर इम्यून सिस्टम होने के कारण।
- गर्भावस्था के दौरान भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- लम्बे समय तक एंटी बैक्टिक दवाओं के सेवन करने से।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने के लक्षण (Symptoms of UTI)

वैसे तो यूटीआई की समस्या होने से सबसे पहले मूत्र समस्या होती है, इसके अतिरिक्त और भी लक्षण होते हैं, जैसे कि-
- पेशाब करते वक्त जलन एवं अत्यधिक दर्द का महसूस होना।
- मूत्राशय में सूजन होना।
- बार-बार पेशाब लगना और बहुत कम मात्रा में पेशाब का होना।
- अपने आप पेशाब होने का एहसास होना।
- मूत्र से बदबू आना।
- पेशाब करते वक्त मूत्र से खून का आना।
- यू0टी0आई0 का संक्रमण होने से पेट के निचले हिस्से में दर्द भी होता है।
- बच्चों में इसके संक्रमण से पीलिया, दस्त, उल्टी और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- वृद्ध व्यक्तियों में भूख का न लगना, सुस्त रहने जैसे लक्षण पाये जा सकते हैं।
यू0टी0आई0 से कैसे बचा जाय How to prevent UTI

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने से बचने के लिये अथवा होने पर कुछ ऊपाय अथवा अपने जीवनशैली और आहार बदलाव लाने पर इस बीमारी से बचा जा सकता है-
- किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन से बचने के लिये प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिये क्योकि अधिक पानी पीने से मूत्र त्याग ज्यादा करना पड़ता है जिससे शरीर अन्दर मौजूद यूरिया एवं अन्य नुकसान पहुंचाने वाले वैक्टेरिया मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है।
- शराब पीने वाले व्यक्तियों को यह संक्रमण जल्दी हो सकता है इसलिये शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।
- अपने पार्टनर के साथ सेक्स करने के तुरन्त बाद पेशाब करना चाहिए। इससे यू0टी0आई0 संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
- अधिकांस महिलाएं मूत्र त्याग के बाद जननांगों को साफ नहीं करती है जिससे यू0टी0आई0 के अतिरिक्त अन्य गम्भिर समस्याओं के होने का खतरा अधिक बना रहता है। इसलिए हर बार मूत्र त्याग करने के बाद अपने जननांगों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।
- पुरूष अथवा महिलाओं को बाथ टब में नहाने से बचना चाहिए क्योंकि बाथ टब उपयोग परिवार के अन्य सदस्य भी करते हैं, जिससे इस संक्रमण के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- आज के इस परिवेश में जहां महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली अधिकतर महिलायें आज भी माहवारी के समय कपड़ा का इस्तेमाल करती हैं, जिससे यू0टी0आई0 का खतरा बढ़ जाता है। इसलिये माहवारी के समय हमेशा सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना चाहिये जिससे यू0टी0आई0 के अतिरिक्त अन्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
- जननांगों में किसी भी प्रकार के सुगन्धित उत्पादों को रखने से बचना चाहिए।
- पुरूष एवं महिलाओं को हमेशा अच्छे क्वालिटी के कॉटन के अंडरवियर का उपयोग करना चाहिए।
- योग हर मर्ज की दवा होती है। अतः यू०टी०आई० से बचने के लिये नियमित रूप से योगासन करना लाभकारी हो सकता है। प्रतिदिन पद्यासन, वज्रासन, भुजंगासन जैसे योग को कम-से-कम 30 मिनट तक करना चाहिये।
स्वस्थ भोजन healthy food

अगर व्यक्ति का शरीर स्वस्थ्य हो तो बहुत सारी बिमारियों से व्यक्ति का शरीर स्वयं लड़कर समाप्त कर देता है। इसीलिए हमेशा स्वस्थ आधार का सेवन करना चाहिए जैसे कि-
- खीरा, चुकन्दर, गाजर, नींबू, ककड़ी और पालक का रस के रूप में अथवा सलाद के रूप में सेवन करना।
- फलियां, जई, जड़ वाली सब्जियां जिसमें हाई फाइबर पाया जाता है, का उपयोग करना चाहिए।
- चॉकलेट सेवन कम से कम करना चाहिए।
कॉफी,चॉय अथवा कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।
कुछ घरेलू उपाय Home Remedies

यूटीआई की समस्या से निजात पाने के लिए हमे सबसे पहले कुछ घरेलू नुस्ख़ों का उपयोग करना चाहिए। हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के विषय में बता रहे हैं, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या से राहत पाया जा सकता है-
आंवला का उपयोग Use Of Amla
आंवला के विषय में हम सभी जानते हैं कि इसमें सबसे अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम का मजबूज करता है। हम आँवला को उबालकर अथवा इसका चुर्ण बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
ब्लूबेरी का उपयोग Uses Of Blueberry
यू0टी0आई की समस्या होने पर हम ब्लूबेरी का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि ब्लूबेरी में एण्टी बैक्टेरियल गुण पाया जाता है जो संक्रमण फैलाने वाली वैक्टेरिया को खत्म करने में मदद करता है।
गर्म कपड़े से सिंकाई Fomentation With Warm Cloth
अगर आपकों पेशाब करते वक्त अधिक दर्द अथवा जलन होता है तो आप कॉटन के कपड़े से हल्की हल्की सेवाई कर सकते हैं। जिससे दर्द में राहत मिल सकती है।
कब डॉ0 के पास जाना चाहिए When Should One Go To The Doctor?

अगर आपकों लम्बे समय से पेशाब करते समय मूत्र मार्ग में अत्यधिक जलन या दर्द महसुस हो तो ऐसी स्थिति में हमे सर्वप्रथम अपने डॉ को दिखाना चाहिए। डॉ0 के पास जाने से वे सर्वप्रथम मूत्र की जाँच कराते हैं जिससे यह पता चल सकता है कि आपके पेशाब में जलन या दर्द क्यों हो रही है।